Pradhan Mantri Awas Yojana Update
आज मैं आपको बताऊंगा की पीएम आवास योजना जिसे हम प्रधानमंत्री आवास योजना कहते हैं जिसके तहत गरीब तबके के लोगों को प्रधानमंत्री योजना के तहत आवास दिया जाता है मतलब घर दिया जाता है घर के लिए पैसे दिए जाते हैं।
आज मैं आपको बताऊंगा की एक ही परिवार के कितने लोगों को प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ मिल सकता है।
क्या अलग अलग सभी को मिल सकता है या फिर एक परिवार में किसी एक व्यक्ति को मिलेगा।
यह किसे मिलता है, कब ले सकते हैं, इसे किन लोगों को मिलेगा, किन लोगों को नहीं मिलेगा? बहुत संक्षेप में ये बातें बताने जा रहा हूं।
योजना का लाभ किसे मिलता है?
देखिए प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ उसे मिलता है जो बीपीएल के श्रेणी में आते हैं। बिलो पॉवर्टी लाइन मतलब बीपीएल गरीबी रेखा से नीचे।
गरीबी रेखा से नीचे किनको कहते हैं, क्या क्राइटेरिया है? कौन लोग गरीबी रेखा से नीचे आते हैं, गरीबी रेखा से नीचे का मतलब होता है जिन लोगों का आयुष्मान भारत कार्ड बनता है सीधा समझ लीजिए वो गरीबी रेखा से नीचे होता है।
जिनको पीएम आवास योजना का लाभ मिलता है वो गरीबी रेखा से नीचे होता है।
जिनको अंत्योदय योजना वाला राशन कार्ड मिलता है वो गरीबी रेखा से नीचे होता है।
जो गरीबी रेखा से नीचे होता है उन्हें बीपीएल श्रेणी में माना जाता है।
उसके बाद जो ऊपर होते हैं उन्हें एपीएल कहा जाता है।
बीपीएल और एपीएल की पहचान कैसे होती है?
अब ये एपीएल बीपीएल कैसे तय होता है? चलिए एक मिनट में मैं आपको समझा देता हूं की जैसा की जनगणना होता है अभी एनपीआर होने वाला है।
2025 में निश्चित तौर पर इस बार होने ही वाला है क्योंकि काफी टाइम हो चुका है।
आप जानते हैं हर 10 साल पर जनगणना होता है लेकिन इस बार 15 साल हो गया अभी लगभग क्योंकि कोरोना काल के वजह से।
तो ये जो जनगणना होता है तो इसमें क्या होता है की सभी का आंकड़ा लिखा जाता है सभी के घर पर।
आप जानते हैं की अधिकारी जाता है और पूछा जाता है की आपके पास गाड़ी है, आपके पास शौचालय है, आपके पास पक्का मकान है, आपके घर में कितने एजुकेटेड लोग हैं, कौन से सरकारी नौकरी में है, किसकी कितनी इनकम है, इनकम टैक्स भरते हैं या नहीं भरते हैं।
आपके पास ट्रैक्टर है की नहीं, खेती किसानी का जमीन है की नहीं। यहां तक पूछा जाता है की आप कपड़ा साल में कितना पहनते हैं, कितना कपड़ा है आपके पास ये सब भी मेंशन किया जाता है आपके घर में पंखा है की नहीं, टीवी है की नहीं, वाशिंग मशीन है की नहीं, हर चीज पूछा जाता है और ये आपको क्या होता है उसी के आधार पर श्रेणी बनता है।
तो जो लोग संपन्न पाए जाते हैं, जो लोग अच्छे पाए जाते हैं, जिन्हें आवश्यकता नहीं होती है उन्हें एपीएल में दाल दिया जाता है और जो लोग लगता है की नहीं, जो गरीबी रेखा से नीचे है, जैसे जिनके पास एसी नहीं है, कूलर नहीं है, वाशिंग मशीन नहीं है, ट्रैक्टर नहीं है, गाड़ी नहीं है, पक्का घर नहीं है, वो कोई सरकारी नौकरी नहीं करता है, कोई इनकम टैक्स नहीं भरता है।
मजदूरी करता है तो उन लोगों को बीपीएल में दाल दिया जाता है तो एपीएल बीपीएल दो तरह का होता है।
अब बीपीएल वाले जो होते हैं उनके लिए विशेष पैकेज सरकार की तरफ से दिया जाता है।
जैसे आयुष्मान भारत कार्ड 5 लाख तक का जो इलाज होता है वो इन्हीं लोगों को दिया जाता है 5 लाख तक इलाज करा सकते हैं उस कार्ड पर ।
दूसरा क्या है? प्रधानमंत्री आवास योजना इन्हीं लोगों को दिया जाता है सरकार की तरफ से जो घर आता है बनाने के लिए पक्का मकान बना के दिया जाता है।
इसके अलावा बहुत सारे योजनाओं का लाभ मिलता है। मनरेगा के तहत उन्हें काम भी मिलता है तो उन्हें बीपीएल धारी कहते हैं।
एक परिवार में कितने लोगों को लाभ मिल सकता है?
अब सवाल यहां ये था की बीपीएल में क्या एक परिवार को कई लोगों का मकान मिल सकता है? तो देखिए जब जनगणना होता है तो उसी के आधार पर सभी का राशन कार्ड बनता है।
चाहे वो एपीएल वाले हो, चाहे बीपीएल वाले हो। तो ये राशन कार्ड पर निर्भर करता है कि आपके परिवार में कितने लोगों के पास राशन कार्ड है।
जैसे की एक राशन कार्ड में जितने लोगों का नाम होता है वो एक परिवार माना जाता है।
सिंपल सा समझ लीजिए जैसे की आप, आपके बच्चे, आपकी वाइफ इन लोगों का एक राशन कार्ड पर नाम है।
एक राशन कार्ड है तो एक ही परिवार माना जाएगा और एक ही पीएम आवास योजना का लाभ मिलेगा या फिर एक ही आयुष्मान भारत कार्ड योजना का लाभ मिलेगा।
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दूसरा क्या है की आप ठीक है अपना है अलग राशन कार्ड है लेकिन आपके बच्चे बड़े हो गए हैं उनकी शादी हो गई हुई है वो बिल्कुल अलग रहते हैं।
उन्होंने अलग अपना राशन कार्ड बनवा रखा है तो फिर वो आपके परिवार में नहीं आएगा। उनको फिर अलग लाभ मिलेगा।
मतलब सीधा समझ लीजिए की जितना परिवार बंटा हुआ है, अलग अलग राशन कार्ड है आपके बेटों का अलग है, आपका अलग है, आपके भाई का अलग है तो सब अलग अलग ही।
आपको योजना का लाभ मिलेगा। लेकिन एक ही परिवार में सभी का नाम जुड़ा हुआ है। एक ही राशन कार्ड पर सभी लोग ऐड है।
फिर एक ही व्यक्ति को जो मुखिया रहता है घर का उसी के नाम पर मिलता है, कार्ड के आधार पर मिलता है।
चाहे वो आयुष्मान भारत कार्ड का लाभ हो, चाहे पीएम आवास योजना का लाभ हो या फिर किसी भी प्रकार का लाभ हो।
बीपीएल श्रेणी के लाभ
यह चीज भी बहुत सारे लोगों को मालूम है लेकिन बहुत लोगों को यह भी मालूम नहीं है की जनगणना जो होता है उसी के आधार पर राशन कार्ड बनता है चाहे वो चाहे बीपीएल हो।
तो अभी जो फिर जनगणना होगा उसमें आप जो नोट कराएंगे उसी हिसाब से आपका फिर एपीएल बीपीएल श्रेणी तय होगा और उसी हिसाब से सरकारी लाभ आपको मिलेगा। उसी हिसाब से कार्ड मिलेगा।
बीपीएल से नीचे अगर आ गए तो उसको अंत्योदय योजना के तहत कार्ड बनता है। जिसको अलग स्पेशल मिलता है उन्हें 35 किलो राशन मिलता है एक परिवार को।
लेकिन जो एपीएल में आ जाते हैं उनको क्या है। उनको राशन तो मिलता है लेकिन उन्हें प्रति व्यक्ति घर में अगर तीन सदस्य चार सदस्य पर व्यक्ति पाँच किलो के हिसाब से राशन मिलता है तो यह दोनों में फर्क हो जाता है।
तो देखिए अब ज्यादा समय नहीं है। जिन लोगों के पास राशन कार्ड नहीं है या फिर नया नाम जुड़वाना चाहते हैं या फिर एपीएल से बीपीएल में आना चाहते हैं। बहुत बीपीएल वाला है जो संपन्न हो गए।
जनगणना और एनपीआर की भूमिका
एपीएल में जाना चाहते हैं तो उनके लिए मौका है। जनगणना जब होगा एनपीआर होगा।
नेशनल पॉपुलेशन रजिस्टर जिनको बोलते हैं ये दो हज़ार 25 के किसी भी महीना में स्टार्ट हो सकता है तो उसमें क्या है आपको अपना सही सही ब्यौरा देना है।
जो लोग जरूरतमंद नहीं है, जो लोग अच्छे श्रेणी में ए गए हुए हैं वो अपना एपीएल में नाम दर्ज कराए, सब कुछ लिखा है और अच्छे श्रेणी में नाम दर्ज कराए।
इससे उन्हें बेनिफिट भी होगा, फायदा होगा। एक संपन्न लोगों में गिने जाएंगे और जो लोग वाकई मजबूर है, जरूरतमंद है, जिनके पास कुछ नहीं है, जो कच्चे मकान में रहते हैं, जिनके पास बाइक नहीं है, कार नहीं है, ढंग का काम नहीं है, लेबर क्लास के लोग है वो लोग है।
गलत तरीके से योजना का लाभ उठाने की समस्या
अपना बीपीएल श्रेणी में जाए तो ये हर 10 साल पर इसलिए किया जाता है ताकि कोई लोग संपन्न हो गए तो उन्हें ऊपर रख दिया जाता है।
कोई फिर गरीब हो गए, बेचारे उस लायक नहीं है तो फिर वो बीपीएल में चले जाते हैं।
लेकिन अपने देश में होता क्या है की गरीबों का हक मारने वालों की संख्या बहुत ज्यादा है।
अक्सर देखेंगे ग्रामीण इलाकों में। मैं बता दूं आपको कि जो लोग पूर्ण रूप से संपन्न है, जिनके पास खेती बाड़ी है, घर में गवर्नमेंट जॉब भी है, अच्छा कमाता खाता है, उनके पास ट्रैक्टर है।
वो लोग भी बीपीएल का लाभ लेते हैं। वो लोग भी राशन कार्ड का लाभ उठा लेते हैं। वो लोग भी आयुष्मान भारत योजना का लाभ उठाते हैं।
वो लोग भी पक्का मकान का पैसा ले लेते हैं। सरकार से कहीं झोपड़ी गाड़ देते हैं। दिखा के ले लेते हैं तो ऐसे ऐसे लोग करते हैं तो ऐसे ऐसे ना करें।
ऐसा ना करें किसी का हक ना मारे। आप संपन्न है तो देश में सहयोग करें देश हित में, राष्ट्र हित में आपको त्याग नहीं करना है। ये नहीं कहा जा रहा की राष्ट्र हित में अपना त्याग और त्याग नहीं करें।
जो सही है आप संपन्न है तो संपन्न बताइए। गरीब है तो गरीब बताइए। सच बोलना है सिर्फ ये नहीं किसी का हक मारना है किसी का कच्चा।
वाकई में मकान है तो वो ले रहा है तो उसको देखा दे की जो पक्का मकान है वो भी कहीं पे झोपड़ी कर लेता है और कहीं पे अपना बेटा का नाम बता के किसी का नाम बता के अपना एक राशन कार्ड बनवा के और वो उसका लाभ ले लेता है इससे कुछ होने जाने का है नहीं आपका लेकिन किसी ना किसी का हक जाता है और सरकार का इसमें नुकसान होता है, लॉस होता है और देश के तरक्की में असर पड़ता है, बाधा पड़ता है।